भारत का अब तक का सबसे बड़ा मेडिकल स्कैम!
फर्जी डॉक्टर, भ्रष्ट अधिकारी और बाबा का गठजोड़
🔴 ज़रा सोचिए...
अगर आप बीमार हैं और इलाज कराने जा रहे हैं, लेकिन इलाज करने वाला डॉक्टर क्वालिफाइड ही नहीं है!
ऐसा ही हो रहा है भारत में — एक मेगा मेडिकल स्कैम में, जहां फर्जी डॉक्टर्स, भ्रष्ट अधिकारी और एक बाबा तक शामिल हैं।
इस स्कैम की जांच
CBI, ED और इनकम टैक्स विभाग कर रहे हैं। इसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा मेडिकल घोटाला कहा जा रहा है।
🧠 स्कैम की मुख्य बातें:
इसमें शामिल हैं:
👉 वरिष्ठ IAS
अधिकारी
👉 मेडिकल काउंसिल के उच्च अधिकारी
👉 एक स्वयंभू बाबा
👉 कई मेडिकल कॉलेज संचालक
✅ क्या-क्या सामने आया:
फर्जी मेडिकल कॉलेज
बिना क्वालिफाइड स्टाफ के इंस्पेक्शन पास
₹50 लाख –
₹1 करोड़ में सीटों की बिक्री
फर्जी जाति व इनकम सर्टिफिकेट
फर्जी मार्कशीट्स
🏛 कैसे सामने आया स्कैम?
सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि:
मेडिकल कॉलेजों को नियमों के विरुद्ध मान्यता दी गई
घूस लेकर इंस्पेक्शन रिपोर्ट में हेरफेर की गई
कई अवैध कॉलेजों को भी NOC
दी गई
रावतपुरा सरकार बाबा ने अधिकारियों और कॉलेज मालिकों के बीच दलाल की भूमिका निभाई
👤 कौन है यह बाबा?
नाम: रविशंकर महाराज उर्फ़ रावतपुरा सरकार बाबा
भूमिका:
डील सेंटर का संचालन
नकद पैसों को धार्मिक चंदे में बदलने की तरकीब
भ्रष्ट अधिकारियों और कॉलेज मालिकों को जोड़ने वाला मास्टरमाइंड
आश्रम से:
✅ करोड़ों रुपये नकद
✅ सोना-चांदी
✅ कई बेनामी संपत्तियाँ जब्त
🧾 जब्ती और कार्रवाई
अब तक की जब्ती:
✅ ₹300+ करोड़ नकद व गोल्ड
✅ 50 लग्जरी गाड़ियाँ सीज़
✅ 2500-3000 करोड़ का अनुमानित स्कैम
✅ लगभग 30 गिरफ़्तारियां
लीगल धाराएं:
भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम
(PCA)
मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम
(PMLA)
आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाज़ी आदि
⚠️ इसका असर किस पर?
🎯 आम नागरिक
अनक्वालिफाइड डॉक्टर्स की वजह से इलाज में खतरा
जनता का स्वास्थ्य तंत्र पर विश्वास डगमगाएगा
🎯 छात्र
मेहनती व योग्य छात्रों को सीट नहीं मिलती
योग्य उम्मीदवारों का हक छीना गया
🎯 सिस्टम
“पे-टू-प्रैक्टिस” कल्चर को बढ़ावा
मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट
📉 सिस्टम में खामियाँ क्या रहीं?
NMC
(राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) की कार्यप्रणाली पर सवाल
पारदर्शिता की भारी कमी
घोस्ट इंस्पेक्शन और फर्जी फैकल्टी
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की गैरमौजूदगी
व्हिसल ब्लोअर को कोई संरक्षण नहीं
🛠 आगे क्या हो सकता है?
सरकार कह रही है कि वह सुधार करेगी:
मेडिकल इंस्पेक्शन की लाइव स्ट्रीमिंग
AI आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन
डमी इंस्पेक्शन पर रोक
फर्जी कॉलेजों को डीरजिस्टर करना
लेकिन ये सब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के बिना कितना प्रभावी होगा, यह देखने वाली बात है।
🔍 ये स्कैम याद दिलाता है...
व्यापम स्कैम
(MP)
डेंटल कॉलेज घोटाले
NEET
काउंसलिंग में धांधली
हर बार की तरह इस बार भी सवाल यह है—क्या दोषियों को कड़ी सज़ा मिलेगी या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
📌 निष्कर्ष:
यह घोटाला हमें चेतावनी देता है कि अगर हमारे स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पारदर्शिता नहीं होगी, तो न केवल संस्थान ढहेंगे, बल्कि देश की जनता की ज़िंदगी भी खतरे में पड़ेगी।
➡️ आप क्या सोचते हैं? क्या दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए? नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।


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