ग़ज़ा की त्रासदी: राशन के लिए जान पर खेलते लोग, दोज़ख बन गया राहत कैंप
🔴 “ये मदद नहीं, जाल है!” —
ज़िंदा लौटे चश्मदीदों की आपबीती
अब्दुल्ला अलीयान बताते हैं कि कैसे उन पर साउंड बम और पेपर स्प्रे का हमला हुआ।
एक नौजवान ने कहा, “हवा में गोली चला दो नहीं तो मैं दम घुटने से मर जाऊंगा।”
भीड़ में कुचलकर लोगों की मौत हो रही है — लोग कहते हैं, “यह एड सेंटर नहीं, दोज़ख है।”
📌 राशन के लिए रोज़ मौत से जंग लड़ते लोग
हानी हम्माद (18
वर्ष) रोज़ आटा लेने जाते हैं —
16 जुलाई को गिर पड़े, भीड़ ने रौंद डाला।
होश आने पर खुद को लाशों के बीच पाया।
कहते हैं, “हर बार लगता है कि ये आख़िरी बार है।”
📊 डरावना आंकड़ा: मई से जुलाई
2025 तक 875 मौतें
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 27
मई से 13 जुलाई के बीच 875
फिलिस्तीनी मारे गए।
इनमें से 674
मौतें अमेरिकी सहायता संस्था जीएचएफ
(GHF) के सेंटर्स के पास हुईं।
🔥 इज़रायल-हमास युद्ध: राहत नहीं, युद्ध का विस्तार
7 अक्टूबर
2023: हमास के हमले के बाद इज़रायल ने युद्ध की घोषणा की।
जनवरी
2025: संघर्षविराम की कोशिशें शुरू, लेकिन मार्च में फिर से युद्ध।
मई
2025: सीमित राहत सामग्री पहुंची, लेकिन लूटपाट और गिरोहों का आतंक जारी।
🚨 जीएचएफ के सेंटर — राहत या फंदा?
जीएचएफ के ज़्यादातर सेंटर रेड ज़ोन में हैं, जहां इज़रायली सेना का नियंत्रण है।
इज़रायल का आरोप: हमास इन सेंटर्स से हमला करता है।
हमास का आरोप: इज़रायल जानबूझकर लोगों को राहत के नाम पर मार रहा है।
🧯 राहत ट्रकों पर क़ब्ज़ा करने वाले गिरोह
“अबू शबाब” जैसे गिरोह ट्रकों को लूट लेते हैं और भीड़ पर गोलियां चलाते हैं।
इज़रायल का समर्थन पाने वाले कुछ कबीलों पर भी लूटपाट और मारपीट के आरोप।
🏥 ग़ज़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त
अब तक
1000+ स्वास्थ्यकर्मी मारे गए
(WHO रिपोर्ट)।
अस्पतालों में न दवा, न स्ट्रेचर — धूल, मलबे के बीच हो रहा है इलाज।
64% अस्पताल बंद, लोग खुले में घायल अवस्था में पड़े हैं।
👨⚕️ डॉ. मारवान की मौत — एक अपूरणीय क्षति
डॉ. मारवान अल सुल्तान, हार्ट स्पेशलिस्ट, 2 जुलाई को परिवार सहित बमबारी में मारे गए।
बेटे से कहा था: “वॉर खत्म होते ही सब फिर से शुरू करेंगे” — लेकिन वॉर ने ही सब खत्म कर दिया।
🏚️ इमारतें गिराई गईं — अब वहीं शरणार्थी बसेंगे?
मार्च
2025 के बाद 40+
कॉलोनियाँ बुलडोज़ की गईं
(BBC रिपोर्ट)।
इज़रायल का दावा: आतंकियों के ठिकाने थे।
अब इन्हीं जगहों पर 6 लाख फिलिस्तीनियों को बसाने की योजना।
🤝 संघर्षविराम की पहल — लेकिन सहमति नहीं
कतर और मिस्र की मध्यस्थता में 60 दिन के सीजफायर की कोशिशें जारी।
अमेरिका का प्रस्ताव:
10 बंधक रिहा होंगे
18 शव लौटाए जाएंगे
इज़रायली सेना कुछ क्षेत्र से हटेगी
हमास को यह प्रस्ताव अस्वीकार्य।
⛪ चर्च पर हमला — वैश्विक ईसाई समुदाय में आक्रोश
17 जुलाई को होली फैमिली चर्च, ग़ज़ा पर हमला।
चर्च से जुड़े फादर गैब्रियल घायल, चर्च वेटिकन से मान्यता प्राप्त था।
इज़रायल ने इसे 'ग़लती' कहा, लेकिन ईसाई समुदाय में नाराज़गी गहराई।
📈 ग़ज़ा युद्ध के अब तक के आंकड़े (17
जुलाई
2025 तक)
58,573
मारे गए
1,33,967
घायल
19 लाख लोग बेघर
ग़ज़ा में अब भी 50 इज़रायली बंधक — कई को मृत माना जा रहा है।
🌍 सीरिया और अमेरिका की भूमिका
सीरिया के स्वेदा क्षेत्र में इज़रायली ड्रोन हमले बढ़े।
अमेरिका ने “अनिश्चित समर्थन” जारी रखा है — ट्रम्प ने मीडिया रिपोर्ट पर जताई नाराज़गी।
✍️ निष्कर्ष: ग़ज़ा में जिंदगी अब राहत नहीं, मौत के इंतज़ार का नाम बन चुकी है
ग़ज़ा में लोग भूख से नहीं, बदइंतज़ामी, साज़िश और युद्ध के जाल से मर रहे हैं। राहत केंद्र अब मौत के द्वार बन चुके हैं। जब तक सियासतें इंसानियत से ऊपर रहेंगी, तब तक अब्दुल्ला और हानी जैसे लोग अपने ही मुल्क में लाशों के ढेर से निकलकर कहते रहेंगे —
"यह मदद नहीं... यह जाल है!"

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